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जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से लाहुल को किन्नौर और उत्तराखंड जैसे स्थिति नहीं बनने देंगे – विनोद लारजे, अध्यक्ष तांदी बाँध संघर्ष समिति
लाहुल स्पीति, खबर आई ब्यूरो
हाल ही में हिमाचल सरकार ने लाहुल में 9 विद्युत परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई है। इस निर्णय को लेकर तांदी बाँध संघर्ष समिति के अध्यक्ष विनोद लारजे ने कहा कि इन परियोजनाओं का पुरजोर विरोध करतें हैं। उन्होंने कहा कि लाहुल घाटी में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। बढ़ती तापमान, असामान्य वर्षा, और हिमनदों का पिघलना, पारिस्थितिकी तंत्र को पहले ही प्रभावित कर रहे हैं। इससे नदियों और जल स्रोतों का स्तर बदल रहा है। इन सब के बावजूद यहाँ पर जलविद्युत परियोजनाएं लाकर सरकार मानव निर्मित आपदा को निमंत्रण दे रही है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
विनोद लारजे ने कहा कि जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण ने किन्नौर और उत्तराखंड घाटी में पर्यावरण और आम जन जीवन को जिस तरह से प्रभावित किया है लाहुल भी उसी दिशा में अग्रसर हो रही है। अटल टनल रोहतांग के निर्माण के बाद पर्यटन की अपार संभावनाएं युवाओं के लिए खुली हैं। हाइड्रोप्रोजेक्टस के बनने के बाद उन सम्भावनाओं पर रोक लगती हुए दिख रही है। अतः हम सरकार से निवेदन करतें हैं कि आमजन की भावनाओं और पर्यावरण का ख्याल रखते हुए इन परियोजनाओं को निरस्त किया जाए। अगर इन परियोजनाओं को सरकार नहीं रोकती है तो सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जायेगा।