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पांगी क्षेत्र में शरद ऋतु के दौरान विद्युत समस्या का होगा स्थाई समाधान – मुख्यमंत्री
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मुख्यमंत्री ने धनवास में एक मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखी
लाहुल स्पीति, खबर आई
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज दुर्गम पांगी घाटी के धनवास में एक मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रखी। इस परियोजना को लगभग 10.50 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से नवंबर, 2025 से पहले पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस परियोजना के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस परियोजना के स्थापित होने से पांगी घाटी की सभी 19 पंचायतों को सर्दियों में भी निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना में 500 किलोवाट की बैटरी स्टोरेज सुविधा से रात के समय भी बिजली की आपूर्ति होगी। इससे क्षेत्र में लोड शैडिंग की समस्या समाप्त होगी और विद्युत व्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि 2.2 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित होने वाले इस संयंत्र में 2,400 सौर पैनल लगाए जाएंगे जिससे हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है और इस दिशा में हरसंभव प्रयास जारी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने और दुर्गम क्षेत्रों में बेहतर आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में प्रदेश सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री ने करयास पंचायत के चार महिला मण्डल भवनों के निर्माण के लिए 25-25 लाख रुपये तथा इनमें आवश्यक सामान की खरीद के लिए एक-एक लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने करयास पंचायत में मंदिर सड़क के निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, विधायक सुन्दर सिंह ठाकुर, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कपरेट, कृषि उपज विपणन समिति चम्बा के अध्यक्ष ललित ठाकुर, कांग्रेस नेता सुरजीत भरमौरी, यशवंत खन्ना और विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।