प्रदेश की जनता को लग सकता है बिजली का झटका, सरकार आज तय कर सकती है बिजली की नई दरें !

प्रदेश की जनता को लग सकता है बिजली का झटका, सरकार आज तय कर सकती है बिजली की नई दरें !
  • प्रदेश की जनता को लग सकता है बिजली का झटका, सरकार आज तय कर सकती है बिजली की नई दरें !

शिमला, खबर आई सूत्र

हिमाचल बिजली बोर्ड आज प्रदेश में बिजली की नई दरें तय करेगा। इससे हिमाचल के करीब 17 लाख बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगेगा। प्रदेश में नया बिजली रेट सरकार की सबसिडी पर निर्भर करेगा। आज फैसला होगा कि सरकार कितनी सबसिडी बिजली बोर्ड को देगी, जिस पर टैरिफ का रेट निर्धारित होगा। राज्य विद्युत नियामक आयोग अगले वित्त वर्ष का टैरिफ भी घोषित कर देगा। तय है कि हिमाचल में बिजली का रेट बढ़ेगा, क्योंकि सरकार उतनी अधिक सबसिडी बोर्ड को नहीं दे सकेगी।

विद्युत नियामक आयोग का जो टैरिफ आज आने वाला है, उसमें 20 से 30 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली की दरों में बढ़ोतरी होगी। यह घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए है, जबकि कमर्शियल और उद्योगों के लिए बिजली का रेट इससे भी ज्यादा हो सकता है। वैसे घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली बोर्ड ने 90 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ोतरी मांगी है, तब जाकर इनका खर्चा पूरा होता है, मगर इसमें 20 से 30 पैसे प्रति यूनिट तक की ही बढ़ोतरी संभावित है। अब देखना यह है कि सरकार कितनी सबसिडी देती है। हिमाचल में पहले ही 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जा रही है। 125 यूनिट से ऊपर ही नया टैरिफ शुरू होगा। इससे पहले 0 से 125 यूनिट को काउंट किया जाता है, जिसे अब घरेलू उपभोक्ताओं के लिए हटा दिया जाएगा।             बताया जा रहा है कि अभी सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली के लिए 500 करोड़ रूपए की सबसिडी रखी है, जिसे ज्यादा से ज्यादा सरकार 200 करोड़ और बढ़ा सकती है, यानि कुल 700 करोड़ तक की सबसिडी हो सकती है। मगर यहां बोर्ड के खर्चों के अनुसार, सबसिडी लगभग एक हजार करोड़ से ऊपर की चाहिए, तब जाकर उनके खर्चे पूरे होंगे। बिजली महंगी नहीं होगी। इधर देखा जाए तो सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और ऐसे में ज्यादा सबसिडी की संभावना भी नहीं लग रही, मगर फिर भी सरकार कुछ न कुछ राहत देने की कोशिश अपनी तरफ से कर सकती है, ताकि लोगों को राहत दी जा सके ।

बिजली बोर्ड पर कर्मचारियों के वेतनमान की देनदारी काफी ज्यादा है। कर्मचारियों को जो नया वेतनमान दिया गया है, उससे ही यहां 500 से 600 करोड़ रूपए का अतिरिक्त खर्चा बढ़ चुका है। ऐसे में उन्होंने आयोग से बिजली का दाम बढ़ाने की मांग रखी है। अब देखना है कि आयोग बिजली की दरों में कितनी बढ़ोतरी करता है।

 

 

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