-
खाद्य पदार्थों में रसायनों का प्रयोग, कैंसर, टीवी और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के बढ़ते कदम –
खबर आई ब्यूरो
आज के युग में जहां फल सब्जियों एवं खाद्यान्न में रसायनों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते कैंसर, टीवी, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का भी प्रकोप बढ़ रहा है रसायनों के अधिक प्रयोग के दुष्प्रभावों को देखते हुए आज प्राकृतिक कृषि एवं बागवानी की बहुत अधिक आवश्यकता हो गई गई है। सरकार ने जहां प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई हैं वहीँ पर जिला कुल्लू की कृषक महिलाएं प्राकृतिक कृषि की तकनीक को उत्पाद अपना करन केवल जहर मुक्त खेती- बागवानी की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं बल्कि बाजार में इसकी बढ़ती मांग को पूरा कर अच्छी आमदनी भी कमा रही हैI
नग्गर ब्लॉक की महिला बागबान प्रोमिला शर्मा का कहना है कि वे 2 साल से प्राकृतिक खेती कर रही हैं तथा विभाग की सहायता गोबर व गोमूत्र से वे स्वयं ही जीवामृत, वीजामृत इत्यादि बनाते हैं तथा उनका प्रयोग करते हैं। सभी घटकों जीवामृत, घन जीवामृत, ब्रह्मास्त्र इत्यादि का प्रयोग प्राकृतिक रूप से कृषि करने के लिए कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से की सब्सिडी भी दी जा रही है।
उन्होंने अपने खेत में एम -9 पर सेब गाला की विभिन्न किस्में लगा रखी हैं। जिन पर वे प्राकृतिक रूप से बागवानी कर रही हैं। सेब के बीच में ही उन्होंने अपने खेत में सरसों,मेथी, धनिया, पालक, मटर इत्यादि की खेती लगाई हैं।
यहां की एक अन्य कृषक देवेंदर शर्मा ने भी कृषि बागवानी प्राकृतिक रूप से शुरू की है जिसमें रसायनों का प्रयोग नहीं होता है इससे प्राकृतिक उत्पाद जो बाजार में जाता है उससे काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं तथा जहर मुक्त कृषि उत्पादन से स्वस्थ जीवन शैली की ओर बढ़ रहे हैं I इसके उन्हें बहुत बढ़िया परिणाम सामने आए है उन्होंने प्रशिक्षण ग्रहण किया इसके पश्चात उन्होंने प्राकृतिक खेती आरंभ की यह सेब की बागवानी में भी प्राकृतिक कृषि की तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होने जीवामृत का अपना एक बड़ा टैंक तैयार कर रखा है जिससे वे आसानी से पाइपों के माध्यम से निकाल कर प्रयोग करते हैं। इस लिऐ विभाग की ओर से उन्हें अनुदान एवं प्रशिक्षण इत्यादि के रूप में भी सहायता मिली है।