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गर्भधारण पूर्व व प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय समिति की हुई बैठक –
कुल्लू, खबर आई
गर्भधारण पूर्व व प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नागराज पवार ने कहा कि भ्रूण लिंग की जांच गैरकानूनी है ऐसा करने वालो को कारावास सहित जुर्माने का प्रावधान है।उन्होंने कहा कि किसी भी निजी क्लिनिक या अस्पताल द्वारा अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित करने या मशीन के खराब होने के बाद बदलने सम्बंधित मंजूरी जिला स्तरीय समिति से लेना आवश्यक है। आज की बैठक में अल्ट्रासाउंड मशीन के परिचालन के लिए रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती की मंजूरी व नई अल्ट्रासाउंड मशीन खरीदने व पुरानी मशीन को कम्पनी को वापिस भेजने से सम्बंधित 6 मामलों पर विचार किया गया जिनमें 4 मामलों को मंजूरी प्रदान की गई जबकि दो मामलों में आवश्यक पूरी करने के निर्देश दिये गये। सीएमओ ने इसके उपरांत जिला स्तरीय सेरोगेसी मदर सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की।
सीएमओ ने बताया सेरोगेसी मदर से सम्बंधित दो मामले प्राप्त हुये है जिनकी जांच की गईं है। आवश्यक औपचारिकतायें पूर्ण करने के उपरांत दोनों मामलों को मंजूरी प्रदान कर दी जाएगी।
बैठक में सहायक न्यायवादी अनुज शर्मा सहित समिति के गैरसरकारी व सरकारी सदस्यों उपस्थित थे।