खबर आई ( संवाद सूत्र )
हिमाचल में एक बार फिर पेपर लीक
अब JOA आईटी का पेपर लीक,रविवार को होनी थी परीक्षा,रद्द
हिमाचल प्रदेश में पुलिस भर्ती पेपर लीक के बाद अब जेओए आईटी का पेपर लीक होने की खबर सामने आई है,जिसके बाद परीक्षा को रद कर दिया गया है। इस मामले में शुक्रवार को विजिलेंस की टीम ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी युवक हमीरपुर जिला के रहने वाले हैं। यह 4 लाख रुपए में पेपर बेच रहे थे।
विजिलेंस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर आरोपियों को पेपर बेचते हुए पकड़ा है। वहीं पूछताछ में एक आरोपी ने खुलासा किया है कि उसने भी पिछले साल पेपर खरीदकर परीक्षा पास की थी। इतना ही नहीं इनमें से एक आरोपी की मां हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग की कर्मचारी है।
हमीरपुर की एएसपी रेणु शर्मा खुद आरोपी महिला के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में स्थित मकान में जांच का जिम्मा संभाले हुए हैं। विजिलेंस की टीम भी साथ है। अभी जांच जारी है।
महिला कर्मचारी उमा आजाद सीनियर असिस्टेंट इस रविवार को होने वाली JOA IT की इस परीक्षा में प्रदेश भर में 476 सेंटर बनाए गए हैं और इसमें डेढ़ लाख अभ्यार्थी परीक्षा देंगे। आयोग ने अपने कार्यालय के जितने कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। उनमें यह महिला भी शामिल थी इसे घुमारवीं के सेंटर के लिए तैनात किया गया था।
पेपर कैसे लीक हुआ इसकी जानकारी 2 जांच में जुटी टीम के खुलासे के बाद ही पता चल पाएगा,लेकिन अब JOT IT का यह पेपर रद्द होना तय है,इसकी अधिकारिक सूचना अभी नहीं मिली है।
आयोग के सचिव सहित 2 अन्य लोग सदस्य रहते हैं। सीनियर असिस्टेंट यह महिला भी सीक्रेसी ब्रांच की ही सदस्य है। हर 1 परीक्षा का रिजल्ट बनाने के मामले में भी इसकी अहम भूमिका रहती है। क्योंकि सीक्रेसी इन्हीं के हवाले हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी महिला के 2 बेटों को भी पुलिस ने डिटेन किया हुआ है,रिश्वत के पैसे किसके पास थे,इसका पता तो अभी बाद में चलेगा।
कर्मचारी चयन आयोग में भ्रष्टाचार का यह दूसरा मामला
हमीरपुर स्थित कर्मचारी चयन आयोग में भ्रष्टाचार का यह दूसरा मामला सामने आया है। वर्ष 2002 में सत्ता परिवर्तन होते ही कांग्रेस के शासनकाल में भी यहां पर बड़ी कार्रवाई की थी। उसमें यह आयोग तब बोर्ड था। और उस समय पूरे दफ्तर को ही चीज कर दिया गया था। उस मामले में तत्कालीन चेयरमैन एसएम कटवाल को कोर्ट से सजा भी हो चुकी है।
अब सत्ता परिवर्तन होते ही एक बार फिर इस कार्रवाई ने आयोग की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है। क्या आयोग के किसी उच्च अधिकारी या इसके चेयरमैन के अलावा किसी अन्य सदस्य को जानकारी नहीं थी।
सूत्रों का कहना है कि जिस तरीके से उक्त महिला सिस्टम चला रही थी इसकी चर्चा भीतर में तो थी लेकिन कार्रवाई को कोई अमलीजामा नहीं पहना रहा था अब जैसे ही सत्ता परिवर्तन हुआ तो विजिलेंस की कार्रवाई ने इसका खुलासा अब कर दिया है, लेकिन इस बार मामला अलग तरह का है। पहले इंटरव्यूज में मार्क्स को लेकर सवाल उठे थे कोर्ट ने उन पर मोहर भी लगाई थी। अबकी बार पेपर बेचने का मामला आ रहा है।
स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की एडिशनल डीजी सतवंत अटवाल ने बताया कि यह धर पकड़ पूरी प्लानिंग के साथ की गई। विजिलेंस को सूत्रों से सूचना मिली थी कि JOA आईटी का पेपर लीक हो गया है। इसे अंजाम देने वाले पेपर बेचने के लिए खरीददार तलाश रहे हैं। आरोपियों ने उनके सूत्र के साथ ढाई लाख रुपए में प्रश्नपत्र बेचने की डील की। ब्यूरो ने पूरा ट्रैपिंग प्लान बनाया और सोर्स को ढाई लाख रुपए लेकर प्रश्नपत्र खरीदने भेजा। इसी खरीद-फरोख्त के दौरान आरोपियों को पकड़ लिया गया। इनमें आयोग की महिला कर्मचारी के साथ उसका बेटा और एक अन्य शामिल है।
हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन संजय ठाकुर ने कहा कि कमीशन ने रविवार को होने वाले JOA आईटी के पेपर को केंसिल कर दिया है। हालांकि अभी हमें भी अधिक जानकारी नहीं। पुलिस से ही पता लगा है कि हमारी सीनियर असिस्टेंट को पकड़ा है। उन्होंने कहा कि जब तक पुलिस अपनी फाइनल रिपोर्ट नहीं देती, तब तक हम ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। फिलहाल आयोग ने अपनी रेपुटेशन को देखते हुए पेपर रद्द करने का निर्णय लिया है।