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लाईफ सेविंग बैंक बना मददगार, चिचिम गांव की पद्मा को मिली 50 हजार रूपए की आर्थिक मदद –
लाहुल स्पीति, खबर आई काजा
स्पीति खंड में स्थानीय प्रशासन की पहल लाइफ सेविंग बैंक योजना गर्भवती महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत चिचिम गांव की पद्मा देचेन को 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
देचेन पत्नी नामग्याल दोरजे गांव चिचिम की रहने वाली है। यह बीपीएल परिवार से संबंध रखते है। देचेन की प्रसूति शिमला अस्पताल में हुई । सामान्य प्रसूति न होने के कारण सिmजेरियन ऑपरेशन के माध्यम से बच्चे का जन्म हुआ और दो महीने तक शिमला में इलाज के चलते ठहरना पड़ा। लेकिन घर की आर्थिकी स्थिति कमजोर होने के कारण दोनों परेशान थे। मगर लाइफ सेविंग बैंक के माध्यम से पद्मा देचेन ने आर्थिक मदद के लिए आवेदन किया। फिर प्रशासन ने पटवारी की रिपोर्ट और स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के बाद फैसला किया कि 50 हजार रूपए की आर्थिक सहायता की जाएगी। प्रशासन ने सारी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद राशि खाते में प्रेषित कर दी है। खंड चिकित्सा अधिकारी डा तेंजिन नोरबू ने कहा कि पहला आवेदन प्राप्त हुआ है जिसे 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद करने के फैसला कमेटी ने लिया है। दंपती अति निर्धन परिवार है।
अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने कहा कि लाइफ सेविंग बैंक की सुविधा 26 जनवरी 2024 से स्पीति घाटी में शुरु हुई है। इसमें स्पीति खंड के बीपीएल परिवारों से संबंध रखने वाली महिलाओं के लिए है जो आर्थिक तौर पर कमजोर होती है। प्रसूति के लिए शिमला नेरचौक और कुल्लू में लंबे समय तक रुकना पड़ता है इस वजह से आर्थिक बोझ उठाना मुश्किल होता है।
लाइफ सेविंग बैंक को स्पीति उपमंडल में कार्यरत लगभग दो हजार अधिकारी और कर्मचारी संचालित करेंगे। विभिन्न श्रेणियों के लिए शुल्क की दरें तय की गई हैं। प्रथम श्रेणी अधिकारी 100 रुपये, द्वितीय श्रेणी 50 रुपये, तृतीय श्रेणी 30 व चतुर्थ श्रेणी के लिए 20 रुपये प्रति माह शुल्क निर्धारित किया गया है।जब भी सहायता के लिए कोई केस लाइफ सेविंग बैंक के पास आएगा तो बैठक बुलाई जाएगी । जिसमें कमेटी चेयरमैन और सदस्य सचिवों की 50 फीसदी मौजूदगी कोरम में जरूरी है। बैठक में एडीसी की अनुपस्थिति में उनकी जगह एसडीएम बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इसी तरह एडीसी और एसडीएम दोनों ही नहीं है, तो बीएमओ बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
कैसे करें आवेदन –
लाइफ सेविंग बैंक की सुविधा पाने के लिए आवेदनकर्ता को कम से कम 30 दिन पहले अपना आवेदन बीएमओ कार्यालय में जमा करवाना होता है। गंभीर मरीज आने की परिस्थिति में बीएमओ की अध्यक्षता में दो सदस्यीय डॉक्टरों की कमेटी मदद करने के बारे में फैसला लेगी। इसके बाद केस लाइफ सेविंग बैंक कमेटी के पास जाएगा। सारे जरूरी दस्तावेजों के आकलन के बाद ही वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।