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तीर्थन घाटी में अब महिला टूरिस्ट गाइड भी करवाएंगी सैलानियों को वादियों के दीदार –
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गुशैनी में 10 महिलाएं ले रही है ट्रैवल एंड टूरिस्ट गाइड का प्रशिक्षण –
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पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार संस्थान कुल्लू महिलाओं को बनाएगा आत्मनिर्भर –
खबर आई, नवल किशोर चौहान बंजार
उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी ने हिमाचल के पर्यटन मानचित्र पर अपना एक विशेष स्थान बना लिया है, जिस कारण साल दर साल यहां पर देसी विदेशी पर्यटकों की आमद में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल नेशनल पार्क में पाए जाने वाली जैविक विविधता, तीर्थन नदी की ट्राउट मछली, यहां की शान्त और सुरम्य वादियाँ, प्रदूषण मुक्त वातावरण, नदियां, नाले, झरने और यहां के पारंपरिक मेले और त्यौहार सहज ही सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। पर्यटन यहां के लोगों के लिए आजीविका का एक मुख्य जरिया बनता जा रहा है।
तीर्थन घाटी में पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए पंजाब नेशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान कुल्लू द्वारा गुशैनी में ट्रैवल एंड टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में घाटी के 35 लोग हिस्सा ले रहे जिसमें करीब 10 महिलाएं भी शामिल है। दस दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का 18 सितम्बर को समापन होगा।
तीर्थन घाटी में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और यहां के अन्य दर्शनीय स्थलों पर अब देशी विदेशी सैलानियों को महिला गाइड भी सैर कराएंगी। कई बार यहां पर घूमने आने वाली महिला पर्यटकों को महिला पर्यटक गाईड की डिमांड रहती है, क्योंकि कुछ महिलाएं घूमने फिरने के लिए महिला गाइड के साथ ही सहज महसूस करती हैं। इस बात को ध्यान रखते हुए यह प्रशिक्षण महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का एक जरिया बन गया है।
पंजाब नेशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान कुल्लू के कार्यक्रम समन्वयक सौरभ उपाध्याय ने बताया कि संस्थान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों के युवक युवतियों एवं महिला स्वयं सहायता समूहों को निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें स्वरोजगार से जोड़ना है, जिससे वे आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सके। इन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए समय समय पर अनेकों प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते है जिसमें ब्यूटी पार्लर, सिलाई कढ़ाई, आचार बनाना, आर्टिसिशियल ज्वैलरी, कागज से कलाकृति, फूलों की खेती, मशरूम उत्पादन और खिलौने बनाने आदि विषयों पर सिखाया जाता है।
गुशैनी में चल रहे इस दस दिवसीय ट्रैवल एंड टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा ले रही घाटी की भीमा देवी, विमला देवी, दिव्या भारती, टेला देवी, जीवना देवी, गंगा देवी, ललिता, शांता देवी, यशोधा और जगीता देवी आदि का कहना है कि यह प्रशिक्षण निश्चित रूप से ही इनके लिए उपयोगी साबित होगा। इन्होंने कहा कि अब ये यहां पर आने वाले पर्यटकों को घुमने फिरने की जानकारी के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देगी। इन्होंने बताया कि संस्थान के डोमेन स्किल मास्टर ट्रेनर गुरबख्श द्वारा इन्हें पर्यटक गाईड बनने की हर कला से निपुण बनाया जार हा है।