जमकर नहीं बरसे मेघा, सर्दियों में सामान्य से कम हुई बारिश हुआ बर्फबारी –
किसानों, बागवानो और पर्यटन व्यवसाय के लिए अच्छे नहीं संकेत –
शिमला, खबर आई सूत्र
पर्यावरण के डगमगाते परिवर्तन से पहाड़ी राज्यों भी अछूते नही। मौसम विभाग की माने तो हिमाचल में इस वर्ष के फरवरी माह में सामान्य से लगभग 71 फीसदी और पूरे सर्दियों के मौसम में लगभग 37 फीसदी कम बारिश-बर्फबारी हुई है। जो राज्य की खेतीबाड़ी, बागवानी और पर्यटन व्यवसाय के लिए अच्छे संकेत नहीं है।
पिछले वर्षों की तुलना की जाए तो सर्दियों के मौसम में खूब बारिश व बर्फबारी हुआ करती थी लेकिन इस वर्ष वह स्थिति नहीं रही। गौरतलब है कि पिछले वर्ष में सामान्य से अधिक लगभग 92 फ़ीसदी बारिश-बर्फबारी हुई थी। लेकिन इस बार सभी 12 जिलों में सामान्य से कम ही बारिश व बर्फबारी हुई। इस वर्ष फरवरी के अंतिम दिनों में कम बारिश व पहाड़ी इलाकों में हल्की बर्फबारी हुई है। फरवरी माह में कम बारिश होने के चलते निचले इलाकों में अधिक सूखे की स्थिति बनती नजर आ रही है।
मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार साल के प्रथम व फरवरी के अंतिम दिनों तक लगभग 187.1 मिलीमीटर सामान्य बारिश हुआ करती थी, लेकिन इस बार लगभग 117 मिलीमीटर बारिश ही दर्ज की गई। इस वर्ष कम बारिश होने के चलते प्रदेश के कई जिलों में सूखे की मार झेलते नजर आ रहे हैं किसान व बागवान।
पहाड़ी जिलों में भी यही स्थिति बनी हुई है पिछले कई वर्षों की तुलना की जाए तो इस वर्ष चंबा, किन्नौर, लाहुल स्पीति जिलों में सामान्य से कम बर्फबारी हुई है। चंबा, किन्नौर, लाहुल स्पीति में भी कई ऐसे गांव है जिन खेतीबाड़ी व सामान्य जीविका प्राकृतिक स्रोतों पर टिकी है। गौरतलब है कि कई वर्षों से कम बर्फबारी के कारण प्राकृतिक स्रोतों में पानी की कमी हुई या वो सूख गए है। जिसके कारण कई इलाकों में सूखे की मार झेलते आ रहे हैं किसान। यदि इस माह अधिक बर्फबारी नहीं हुई तो आने वाले समय में किसान और बागवानो को सूखे की मार झेलनी पड सकती है।
मौसम विभाग की सूचना के अनुसार इस वर्ष सर्दियों में सोलन में 68%, मंडी जिले में 61%, बिलासपुर में 55%, किन्नौर में 51%, सिरमौर में 47%, हमीरपुर में 46%, शिमला में 44%, चंबा में 39%, ऊना में 34%, लाहुल स्पीति में 33%, कांगड़ा में 25%, कुल्लू में 15%, कम बारिश व बर्फबारी हुई है।