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महिलाओं व बेटियों को सशक्त व स्वावलंबी बनाने के लिए चलाया जा रहा अभियान “मिशन शक्ति” – डा. पदम देव शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी
कुल्लू, खबर आई
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिला केंद्रित योजनाओं पर मिशन शक्ति – संकल्प-हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वुमेन स्कीम के अंतर्गत 100 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान शुरू किया गया है जो 21 जून से 4 अक्तूबर तक चलेगा।
इसी के तहत मंगलवार को छठे सप्ताह के दौरान जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय के सभागार में महिला केंद्रित कानून पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. पदम देव शर्मा ने कहा कि महिलाओं व बेटियों को सशक्त व स्वावलंबी बनाने के लिए जिला कुल्लू में मिशन शक्ति अभियान चल रहा है। इस अभियान में जन भागीदारी के माध्यम से विभाग द्वारा चलाई जा रही महिलाओं से संबंधित योजनाओं व कानूनों की जानकारी दी जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग से उपस्थित डा0 सुरेश ठाकुर ने पी.सी.-पी.एन.डी.टी. एक्ट व एम.टी.पी. एक्ट के बारे में जानकारी दी व बताया कि इस अधिनियम के तहत अपंजीकृत स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव पूर्व निदान तकनीकों का उपयोग करना एक अपराध है। वहीं भ्रूण के लिंग का पता लगाने के उद्देश्य से प्रयोगशाला या केंद्र में किसी प्रकार का परीक्षण किया जाना भी दंडनीय अपराध है जिसके तहत सजा के साथ जुर्माना किया जाता है।
वहीं महिला थाना कुल्लू से पधारे ए.एस.आई. उषा ने महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने वाले कानूनों व उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन महिलाओं को हर प्रकार की हिंसा व उत्पीड़न से बचाने के लिए प्रयासरत रहता है ताकि महिलाएं स्वयं को पूर्ण रूप से सुरक्षित समझ सके।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से आए अधिवक्ता रविंद्र सिंह ने असिस्टंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम निषेध व निवारण पर भी बताया। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के तहत छेड़छाड़ मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम 5 साल की सजा व जुमार्न का प्रावधान है। कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से विधि सह परिवीक्षा अधिकारी चंदन सिंह पठानिया ने पॉक्सो एक्ट के बारे में बताया कि बाल यौन अपराध की प्रवृत्ति को रोकने के लिए पॉक्सो एक्ट के तहत सख्त से सख्त सजा का प्रावधान है। जिसमें दोषी को 20 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकता है।
उन्होंने बाल विवाह कानूनी अपराध, फोस्टर केयर व स्पांसरशिप योजना में अनाथ, तलाकशुदा व विधवा माताओं के बच्चों को मिलने वाले आर्थिक लाभ के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना अधिकारी कुल्लू गजेंद्र ठाकुर, बाल विकास परियोजना अधिकारी बंजार चंपा देवी, कुल्लू, बंजार व कटराईं ब्लाक के पर्यवेक्षक, जिला समन्वयक सकंल्प केंद्र शिवानी सूद, जेंडर स्पेशलिस्ट प्रेरणा अरोड़ा, पोषण सहायक प्रियंका राजपूत, डेमोस्टेटर राजकुमारी आदि उपस्थित रहे।