जल शक्ति विभाग के आउट सोर्स कर्मचारी ने जारी किया अपनी सेवाएं नही फरमान –
ललित ठाकुर, खबर आई पधर
जल शक्ति विभाग पधर ने अपने कर्मचारियों को नौकरी पर न आने का फरमान जारी कर दिया है । सीटू के जिला उपाध्यक्ष एवं डलाह वार्ड से जिला परिषद सदस्य रविकांत के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग डिवीजन पधर के अंतर्गत शिमला क्लीनवे कंपनी ने 23 मजदूरों को 2019 के अंदर विभिन्न पदों पर आउट सोर्स आधार पर काम पर रखा गया था । लेकिन विभाग ने पिछले कल यानी 12 मार्च को सभी मजदूरों को फोन के माध्यम से सूचित किया कि कल से आप लोग काम पर नहीं आएंगे। इससे मजदूरों में हड़कंप मच गया क्योंकि काम पर रखे सभी मजदूर अत्यंत गरीब एवं बीपीएल परिवार से संबंध रखते हैं । हैरानी की बात यह है कि पिछले 7 महीनों से इन मजदूरों को वेतन भी नहीं मिला है। इस मुद्दे को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल जिला परिषद सदस्य रविकांत के नेतृत्व में अधिशासी अभियंता पधर से मिला और उसके साथ-साथ एसडीएम पधर के माध्यम से एक ज्ञापन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजा गया।
रविकांत ने कहा कि सीआईटीओ लंबे समय से आउट सोर्स आधार पर जो नियुक्ति की जाती है उसका विरोध कर रही है लेकिन सरकारों और निजी कंपनियों की मिलीभगत से बहुत सारे मजदूरों का इस तरीके से शोषण किया जा रहा है ज्ञापन के माध्यम से सभी मजदूरों ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि हमारे को दोबारा से नौकरी पर रखा जाए और पिछले 7 महीनों से जो हमारे को वेतन नहीं मिला है उसकी शीघ्र अदायेगी की जाए । रविकांत ने कहा कि विभाग और सरकार अगर इन मजदूरों को नहीं रखती है तो पूरे हिमाचल प्रदेश के मजदूरों को संगठित करके एक तीखा आंदोलन शुरू किया जाएगा। जिसकी सारी जिम्मेवारी विभाग और सरकार की होगी। इसके लिए उन्होंने कहा कि शीघ्र ही एक जिला स्तरीय बैठक का आयोजन मंडी में किया जाएगा अगली रूपरेखा उस बैठक के अंदर तैयार की जाएगी।
जब इस बारे में जल शक्ति विभाग पधर के अधिशासी अभियंता इंजीनियर विवेक हाजरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ये विभाग के कर्मचारी नही थे। ये कांट्रेक्टर के कर्मचारी थे इनका एग्रीमेंट विभाग के साथ खत्म हो गया है।