जनजातीय क्षेत्रों में पंचायतों के अनापत्ति पत्र के बगैर नही होगी खनन की नीलामी

जनजातीय क्षेत्रों में पंचायतों के अनापत्ति पत्र के बगैर नही होगी खनन की नीलामी

जनजातीय क्षेत्रों में पंचायतों के अनापत्ति पत्र के बगैर नही होगी खनन की नीलामी –

अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए पंचायतों से गुहार लगाऐगी सरकार –

     हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों में अवैध खनन रोकने में सरकार हस्तक्षेप करेगी। सरकार जनजातीय क्षेत्रों में खनन की मंजूरी देने के लिए पंचायतों से बात करेगी और अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए उनसे बात करेगी। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में पंचायतों से अनापत्ति पत्र मिले बिना उद्योग विभाग खनन साइटों की नीलामी नहीं कर पा रहा है। पेसा एक्ट (पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल्ड एरियाज एक्ट ) के तहत ट्राइबल एरिया में खनन साइटों को नीलाम करने से पहले पंचायतों से एनओसी लेना जरूरी है।
फाइल फोटो
   जब तक पंचायतें विभाग को खनन की मंजूरी नहीं दे देतीं, तब तक विभाग खनन साइटों को नीलाम नहीं कर सकता। इस वजह से प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में अवैध खनन की गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं। इसे रोकने में सरकार हस्तक्षेप करेगी और पंचायतों से एनओसी जारी करने के लिए बात करेगी। उन्हें विश्वास में लिया जाएगा कि खनन साइटों के नीलाम होने से किस तरह से क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा और निर्माण सामग्री वहीं से उपलब्ध होगी।

पंचायतों से अनापत्ति पत्र मिलने की अगर बात नहीं बनी तो आवश्यकता पड़ने पर सरकार पेसा कानून (पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल्ड एरियाज एक्ट ) में संशोधन करेगी। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि इस सिलसिले में उनकी किन्नौर जिले के जिला परिषद, ब्लॉक पंचायत समिति, पंचायत प्रधानों और उपप्रधानों के साथ चर्चा भी हुई है। उन्होंने कहा कि पंचायत की अनुमति के बाद खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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