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गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड में पुलिस हिरासत में मारे गए सूरज की मौत मामले में आईजी जहूर हैदर जैदी सहित 8 पुलिस कर्मी दोषी –
शिमला, खबर आई
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित कोटखाई गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड में पुलिस हिरासत में मारे गए नेपाली युवक सूरज की मौत मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए आईजी जहूर हैदर जैदी सहित 8 पुलिस कर्मियों को दोषी करार दिया है।
हालांकि पूर्व एसपी नेगी और एक अन्य अधिकारी को अदालत ने बरी कर दिया है। इस मामले में सजा पर फैसला 27 जनवरी को होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चंडीगढ़ सीबीआई कोर्ट में मुकदमा चल रहा था।
इस मामले में सजा पर फैसला 27 जनवरी को होगा। वहीं दोषी करार देने के बाद पुलिस ने आईजी जहूद हैदर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी, एसएचओ राजेंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद, एचएचसी सूरत सिंह, मोहन लाल, हेड कांस्टेबल रफीक और कांस्टेबल रंजीत स्ट्रेटा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। जबकि गवाहों के बयान व सुबूतों के अभाव में नामजद तत्कालीन एसपी डीडब्ल्यू नेगी को बरी कर दिया गया है।
बता दें, आरोपी सूरज की गुड़िया हत्याकांड के 14 दिन बाद कोटखाई थाने के लॉकअप में हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने हत्या का आरोप दूसरे मुलजिम पर लगाया था। इस पर गुस्साए लोगों ने थाने समेत कई गाड़ियां फूंक दी थीं।
गौरतलब है कि शिमला जिले के कोटखाई में 4 जुलाई, 2017 को एक छात्रा स्कूल से लौटते वक्त लापता हो गई थी। 6 जुलाई को कोटखाई के तांदी के जंगल में छात्रा का शव निर्वस्त्र हालत में मिला। पुलिस ने जांच में पाया कि छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी।
इस मामले की जांच के लिए शिमला के तत्कालीन आईजी जैदी की अध्यक्षता में विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई। एसआईटी ने इस मामले में एक स्थानीय युवक सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक नेपाली युवक सूरज की कोटखाई थाने में पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गई थी।
इसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने दो मामले दर्ज किए थे, जिसमें से एक पुलिस हिरासत में मौत का मामला था। जांच में सीबीआई ने पाया कि आरोपी सूरज की मौत पूछताछ के दौरान पुलिस प्रताड़ना से हुई थी।
इसके आधार पर सीबीआई ने आरोपी जैदी सहित नौ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। बाद में केस चंडीगढ़ सीबीआई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। बाद में आठ पुलिस अधिकारी और कर्मचारी बहाल हो गए थे।
आईजी जैदी को प्रदेश सरकार ने 15 जनवरी, 2020 को सस्पेंड किया था। तीन साल बाद सरकार ने जैदी को बहाल किया है। वर्ष 2017 से चंडीगढ़ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में इस केस की सुनवाई हो रही है।
दुष्कर्म व हत्याकांड मामले में 18 जून 2021 को जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर चक्कर में सत्र एवं जिला न्यायाधीश राजीव भारद्वाज की विशेष अदालत ने दोषी करार अनिल कुमार उर्फ नीलू उर्फ कमलेश को नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या की धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।