हिमाचल में पेपर लीक का गोरख धंधा, अब तक 6 आरोपी गिरफ्तार,

हिमाचल में पेपर लीक का गोरख धंधा, अब तक 6 आरोपी गिरफ्तार,

हमीरपुर (खबर आई संवाद सूत्र)
हिमाचल में पेपर लीक का गोरख धंधा
अब तक 6 आरोपी गिरफ्तार,
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग में हुए पेपर लीक मामले के बाद इसकी भीतरी व्यवस्था पर अब मुकम्मल तौर पर सवाल उठ रहे हैं। यहां के सिस्टम में कई तरह की खामियां हैं। जिसकी वजह से एक बार फिर यह आयोग भ्रष्टाचार की सुर्खियों में आया है।
Jio आईटी के पोस्टकोड 675 के जिस पेपर लीक मामले में आयोग की मिलीभगत ने सुर्खियां बटोरी हैं। उसमें अब तक 5 लोगों की गिरफ्तारी बताई जा रही है। जिनमें एक महिला कर्मचारी सहित चार और लोग शामिल हैं। आरोपी महिला के घर से जादू-टोने का सामान भी पुलिस ने बरामद की। पुलिस ने कार्रवाई देर रात तक जारी रही। आरोपी महिला के आवास पर रात तक छानबीन जारी थी। उसके बाद एएसपी रेणू शर्मा ने आयोग के कार्यालय में पहुंचकर भी मामले की अगली छानबीन की।
जहां पर आयोग के चेयरमैन, सचिव और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। उनसे भी पूछताछ हुई है। जो कागजात महिला के आवास पर मिले हैं, उन्हें कार्यालय में पहुंचकर सत्यापित किया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार SIT गठित कर सकती है ताकि अब तक हुई तमाम गड़बड़ियों की जांच हो सके।
एएसपी रेणू शर्मा ने बताया कि इस मामले में ढाई लाख रुपए में सौदा तय हुआ था। 5000 पेशगी के रूप में दिए गए। सभी आरोपियों को शनिवार देर शाम कोर्ट में पेश किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि आयोग के किसी और अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ भी कोई मामला दर्ज हो रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल जांच जारी है। बाद में जो-जो तथ्य निकलकर सामने आएंगे। उस आधार पर कार्रवाई होगी।
विजिलेंस की जांच में अभी तक जो जानकारी मिली है उसमें संबंधित पेपर 22 दिसंबर को आरोपी महिला ने निकाला था उसमें एक अकेली थी सीक्रेसी ब्रांच में अब देखना यह है की जिस अलमारी से इसे निकाल कर यह सारा मामला चर्चा में आया है वह कैसे कैसे हुआ इसका खुलासा जांच में ही होगा।
आयोग में जनवरी 2017 से जितेंद्र कंवर ही इस आयोग के सचिव हैं। उनकी अदला-बदली कभी नहीं हुई। लेकिन सीक्रेसी ब्रांच में 2019 से आरोपी महिला की इसीलिए कारगुजारी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार इतने लंबे समय तक एक ही पद पर वह भी आयोग जैसी महत्वपूर्ण संस्था में 6 सालों तक यदि एचएएस स्तर के एक ही अधिकारी को तैनात रखेगी, तो सवाल तो उठेंगे ही। भूमिका भी कटघरे में खड़ी होगी।
छानबीन में इस बात का भी पता चला है कि आरोपी महिला JOA IT के एक अन्य मामले में भी संदेह के दायरे में है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग बताया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि उसमें भी पेपर निकाले जाने के मामले की छानबीन हो जाए तो महिला उसमें संलिप्त पाई जाएगी।
आरोपी महिला के संबंधी 3 टेस्टों में आए टॉपर
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस मामले पर भी आयोग की भीतरी व्यवस्था में पहले से ही चर्चा थी। लेकिन इसे लेकर जांच करवाने और एक्शन लेने की भूमिका किसी ने भी नहीं निभाई। इसी वजह से अब यह भंडाफोड़ हुआ है। अब मामला तो जांच का यह भी बनेगा कि महिला के करीबी जिस अभ्यर्थी का तीन अलग-अलग टेस्टों में टॉपर रहा है।
प्रदेश भर में 476 जिन सेंटर्स पर रविवार को पेपर होना था, वहां से अब पेपर वापस मंगवाए जा रहे हैं। यह तमाम पेपर संबंधित ट्रेजरीज में जमा करवाए जाते हैं और रविवार के रोज सुबह ही वहां से निकालकर इन्हें सेंटरों तक पहुंचाया जाता है। अब क्योंकि पेपर रद्द हो गया है, इसलिए आयोग ने इन तमाम पेपर्स को ट्रेजरीज से वापस मंगवाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। क्योंकि आयोग के जिम्मेदार लोग अलग-अलग जिलों में इन क्वेश्चन पेपर्स को लेकर गए हुए हैं।

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