
-
केलंग में गोची उत्सव (पुत्र प्राप्ति) देवी – देवताओं की पूजा अर्चना के बाद हर्षोल्लास के साथ मनाया गया –
लाहुल स्पीति, खबर आई केलंग
लाहुल स्पीति के मुख्यालय केलंग में गोची उत्सव धार्मिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गोची उत्सव एक प्रकार का पुत्र प्राप्ति होने से अपने इष्ट देवी देवताओं के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है, जिन की कृपा से और उपकारों से वो पुत्रहीन परिवार धन्य एवं सम्पन्न हो जाते हैं जिन्होंने केलंग वज़ीर ओर कार्तिके से पुत्र की कामना की होती है। गोची से एक दिन पूर्व लबदग्पा और लाओपा सफेद पट्टू का चोगा, आइरिस और मेरीगोल्ड से सुसज्जित करोंदिया टोपी पहने श्रृंगार कर के गांव के उन घरों में जाते हैं, जिन परिवारों में पूर्व के वर्ष में पुत्र ने जन्म लिया हो।
पुत्र प्राप्त परिवार एक एक खुलसी, भूसा भरा हुआ मेमने का खाल, तीरंदाजों के लिए योगदान में देते हैं। खुलसी के अलावा, इस धार्मिक कृत्य के संपादन के लिए पोकन, सत्तू का 2 फुट की आकृति, यानी शिवलिंग, मक्खन से बना बकरा, हालड़ा तथा अन्य सामग्री के साथ पारंपरिक पोशाकें पहने वाद्य यंत्रों व नगाड़ों के साथ जुलूस की शक्ल में निकाला जाता हैं। माताएं सज धज कर अपने पुत्रों को पीठ पर उठा कर आते है। तत्पश्चात खुलसियो को एक पंक्ति में खड़ा कर लब्दकपा, पुजारी, धनुषबाण से खुलसियो पर लक्ष्य पर निशाना लगाते है। खुलसियो पर पुजारी का हर प्रहार इस बात की पुष्टि तह करता है कि आने वाले साल में कितने पुत्र पैदा होंगे।