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बिजली कर्मचारियों का धरना, ओपीएस लागू करने व एमडी को हटाने पर अड़े कर्मचारी –
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मांगें न मानी तो पूरे प्रदेश में ब्लैक आउट की दी धमकी
शिमला, खबर आई
हिमाचल की सुखविंदर सुक्खू सरकार ने प्रदेश में ओपीएस को बहाल कर दिया है, लेकिन बिजली बोर्ड के हजारों कर्मचारियों को अभी तक इससे वंचित रखा गया है। जिसे लेकर बिजली बोर्ड के कर्मचारियों में खासा गुस्सा है। कर्मचारियों ने वीरवार को शिमला बिजली बोर्ड मुख्यालय के बाहर हजारों की संख्या में पहुंचकर सरकार के खिलाफ जबरदस्त धरना प्रदर्शन किया। साथ ही ओपीएस की बहाली के साथ एमडी को हटाने की जोरदार मांग उठाई।
कर्मचारियों ने बिजली बोर्ड के वित्तीय प्रबंधन को लेकर सवाल उठाते हुए सरकार से वर्तमान एमडी को बदल कर स्थायी एमडी लगाने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि बिजली बोर्ड के इंजीनियरों व कर्मचारियों ने एक संयुक्त मोर्चे का गठन किया है। इसी संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में वीरवार को हजारों बिजली कर्मचारी शिमला में इकट्ठे हुए।
संयुक्त मोर्चा के संयोजक इंजीनियर लोकेश ठाकुर ने कहा कि किसी भी तरह से बिजली बोर्ड कर्मचारियों की अनदेखी व उनके साथ सौतेले व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा कि महारैली के बावजूद सरकार होश में नहीं आई तो आने वाले दिनों में आंदोलन को उग्र किया जाएगा और ब्लैक आउट पर भी विचार होगा। लेकिन जनता को परेशान करना कर्मचारियों का मकसद नहीं है।
गौरतलब है कि बिजली बोर्ड में सबसे ज्यादा 12 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। जबकि 29 हजार पेंशनरों की संख्या है, जो 40 हजार से ज्यादा बनती है। ऐसे में आने वाले लोकसभा चुनाव में कर्मचारियों की अनदेखी कांग्रेस सरकार को भारी पड़ सकती हैं। चूंकि अभी तक सरकार की तरफ से बिजली कर्मचारियों के साथ बातचीत की कोई पहल नहीं हुई है। जिससे इन कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।