
राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ मंडी ने लिया देश की सेवा में हर संभव योगदान देने का संकल्प – दया राम ठाकुर
मंडी, खबर आई
वर्तमान में देश के समक्ष उत्पन्न गंभीर सुरक्षा चुनौतियों और विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ, जिला मंडी की कार्यकारिणी ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया है। संघ ने यह संकल्प लिया है कि हम न केवल एक शिक्षक के रूप में, बल्कि एक जागरूक, संवेदनशील और समर्पित नागरिक के रूप में देश की सेवा में हर संभव योगदान देंगे।
हमारे संकल्प –
1. रक्तदान – जीवन की रक्षा का संकल्प –
संकट की किसी भी स्थिति में, चाहे युद्ध हो, प्राकृतिक आपदा हो, या किसी भी प्रकार की आपातकालीन परिस्थिति, यदि किसी सैनिक, नागरिक या अन्य व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता होती है, तो हमारा प्रत्येक शिक्षक निस्वार्थ भाव से रक्तदान करने के लिए सदैव तत्पर रहेगा। यह न केवल जीवन बचाने का कार्य है, बल्कि मानवता और राष्ट्र सेवा की सच्ची भावना का परिचायक है।
2. आपातकालीन सेवाओं में सहभागिता –
जिला प्रशासन, सुरक्षा बल या किसी अन्य सरकारी संस्था को किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो, तो हम कंधे से कंधा मिलाकर 24 घंटे सेवाएँ देने के लिए तैयार हैं।चाहे आपदा प्रबंधन हो, राहत कार्य हो, चिकित्सा सहायता हो, या किसी भी संकट की स्थिति – हर सी एंड वी शिक्षक अपने कर्तव्यों का निष्ठा से पालन करेगा।
3. साहस, त्याग और सेवा का संकल्प –
किसी भी विषम परिस्थिति में, चाहे वह युद्ध का विकट समय हो या प्राकृतिक आपदा, हमारा संघ हर प्रकार से सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर रहेगा। हम केवल शिक्षक नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में देश की सेवा के लिए सदा समर्पित हैं
4. समर्पण और निष्ठा –
हम न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि हर मोर्चे पर देश की सेवा में सदैव अग्रणी रहेंगे। संकट की घड़ी में हम अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण के साथ पालन करेंगे।
5. राष्ट्रहित में सेवा का आह्वान –
हम हर उस प्रयास में शामिल होंगे, जो देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को सशक्त बनाएगा। हमारी प्रतिबद्धता केवल शिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि देश और समाज की सेवा के हर पहलू में है।
हमारा आह्वान –
हम सभी अध्यापक साथियों से आग्रह करते हैं कि जैसे ही प्रशासन से किसी भी प्रकार का निर्देश प्राप्त होता है, हम पूरी निष्ठा और उत्साह से अपने कर्तव्यों का पालन करें। “राष्ट्र की सेवा ही सच्ची मानवता है। देश की रक्षा में शिक्षकों का भी उतना ही महत्त्वपूर्ण योगदान है जितना किसी वीर सिपाही का।”