जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक 8 जून को चिह्न्ति स्थानों पर बचाव तथा राहत कार्यों को लेकर मॉकड्रिल

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक 8 जून को चिह्न्ति स्थानों पर बचाव तथा राहत कार्यों को लेकर मॉकड्रिल
  • जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक 8 जून को चिह्न्ति स्थानों पर बचाव तथा राहत कार्यों को लेकर मॉकड्रिल –

  • 6 जून को होगी टेबल टॉप एक्सरसाइज

कुल्लू, खबर आई ब्यूरो

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मानसून से पहले बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए छह जून को टेबल टॉप अभ्यास करेगा। 8 जून को चिह्न्ति स्थानों पर बचाव तथा राहत कार्यों को लेकर मॉकड्रिल की जाएगी। इस ज़िला परिषद हॉल में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रशांत सर के ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान  जिला में बाढ़, भूस्खलन आदि आपदाओं का खतरा बना रहता है। बेहतर आपदा प्रबंधन से इन आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि जिला व उपमंडल स्तर पर आपदा प्रबंधन प्लान भी तैयार किया गया है। मेगा अभ्यास से आपदा प्रबंधन प्लान को अपडेट करने में मदद मिलेगी, वहीं आपातकालीन सहायता तथा राहत पुनर्वास के कार्यों में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय स्थापित भी हो सकेगा ताकि आपातकालीन स्थितियों में प्रत्येक विभाग के अधिकारी अपने अपने विभागों से संबंधित कार्यों को निपुणता के साथ पूर्ण कर सकें। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल में सेना, अर्धसैन्य बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल जैसी केंद्रीय एजेंसियों के अलावा जिला के आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी हिस्सा लेंगे।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील राज्य है। हिमालयी क्षेत्र होने के नाते इसकी भौगोलिक एवं मौसमी परिस्थितियां से विभिन्न प्रकार की आपदाओं एवं प्राकृतिक विप्पतियों का खतरा बना रहता है। इस प्रकार की घटनाओं का सामना करने और तैयारियों का स्तर बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के सर्वाधिक संवेदनशील जिलों में से एक कुल्लू ज़िला में भूकंप जैसी आपदा पर एक बृहद अभ्यास होगा। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य समस्त हितधारकों के बीच जागरुकता पैदा करना, प्रतिक्रिया मशीनरी का आंकलन और आपदाओं से निपटने की तैयारियों में तत्परता एवं कमियों का पता लगाना और इसमें सुधार करना है।

 उन्होंने कहा मॉकड्रिल कार्यनीति, तैयारियों का स्तर बढ़ाने तथा जोखिम से निपटने में मददगार होगी। अभ्यास अपेक्षित लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को पूरा करेगा तथा सृजनात्मक एवं सामूहिक समन्वय उत्पन्न करेगा। उन्होंने कहा कि यह पूरा अभ्यास राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल के विशेषज्ञों की देख-रेख में किया जाएगा। इससे पहले 6 जून को टेबल टॉप अभ्यास होगा। 8 जून को प्रातः 9 बजे यह मॉक ड्रिल शुरू होगी तथा जिले के समस्त राजकीय विद्यालयों में 11 बजे मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगाl

जिला स्तर के सभी अधिकारियों को इस मॉकड्रिल को बड़े पैमाने पर सफल बनाने के लिए सभी कदम उठाने को कहा। प्रशिक्षण और विभिन्न प्रयासों एवं संसाधनों तथा आत्म-आंकलन में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास प्रत्येक जिले के प्रत्येक उपमंडल में होगा। आवासीय, गैर आवासीय, अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों और शॉपिंग परिसरों को प्रभावित क्षेत्र मानते हुए इनमें बचाव, राहत एवं पुनर्वहाली के कार्यों को अंजाम दिया जाएगा।

बैठक में विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे तथा उप मंडल अधिकारी आनी, निरमंड, बंजार, मनाली व कुल्लू वर्चुअल रूप से जुड़े l

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