
शिमला (खबर आई संवाद सूत्र)
मंत्रिमंडल विस्तार की चिंता सता रही है, सुक्खू सरकार को-
दिल्ली में होगा इस पर मंथन
हिमाचल में सुक्खू सरकार को मंत्रिमंडल का विस्तार गले का फांस बनता जा रहा है। हिमाचल में कांग्रेस जीते हुए लगभग 3 सप्ताह हो गए हैं, मगर अभी तक यह तय नहीं हो पाया कि किस विधायक को मंत्री बनाया जाए और किन विधायकों को विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाए जाए। विधानसभा नियम के अनुसार राज्य में अधिकतम 10 मंत्री बनाए जा सकते हैं, हैरत की बात है कि 19 से अधिक विधायकों ने मंत्री बनने के लिए दावेदारी कर रखी है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि कोई भी विधायक विधानसभा का अध्यक्ष उपाध्यक्ष नहीं बनना चाहता, जबकि यह पद कैबिनेट मंत्री से अधिक शक्तिशाली माना जाता है।
मिली जानकारी से मुख्यमंत्री सुक्खू सभी मंत्री के दावेदार विधायकों से अपने स्तर पर बातचीत कर रहे हैं और वह मंत्रियों के साथ-साथ विधानसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए भी विधायकों को मनाने में भरपूर कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
इन्हीं समस्याओं के संदर्भ में मुख्यमंत्री सुक्खू आज दिल्ली जाएंगे और हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला से मुलाकात करेंगे और अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि किसे मंत्री बनाया जाए और किन विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बना जाए। क्योंकि 4 जनवरी से विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी शुरू होने वाला है और 5 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष कभी चुना जाना है।
विधानसभा अध्यक्ष के लिए अभी तक जिन नामों पर चर्चा हो रही है सोलन से विधायक धनीराम शांडिल लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, भटियात के विधायक कुलदीप पठानिया, ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर तथा किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी है। मगर यह सभी अध्यक्ष उपाध्यक्ष ना बन कर मंत्री बनने की होड़ में है।
रोहित ठाकुर, कुलदीप राठौर, विक्रमादित्य सिंह अनिरुद्ध, मोहनलाल ब्राकटा, धनीराम शांडिल, संजय अवस्थी, रामकमार, हर्षवर्धन चौहान राजेश धर्मानी सुंदर सिंह ठाकुर, चंद्र कुमार, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, आशीष पटेल, वाली, संजय रतन, सुधीर शर्मा कुलदीप पठानिया, जगत सिंह नेगी इन सभी विधायकों ने मंत्री बनने की दावेदारी ठोक रखी है। अब यह देखना है कि अपने सख्त फरमान के चलते मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू किसके झोली में क्या मंत्री पद देते हैं और किसको विधानसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाते हैं।