-
समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों की माताओं के एक दिवसीय शिविर हुआ समाप्त
मंडी, खबर आई पधर
समग्र शिक्षा हिमाचल प्रदेश के सौजन्य से शिक्षा खंड औट के अंतर्गत पहली शिक्षक – मां कार्यक्रम के तहत पूर्व प्राथमिक शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों की माताओं का एक दिवसीय जागरूकता शिविर पनारसा में संपन्न हुआ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 के अंतर्गत पूर्व प्राथमिक शिक्षा को विशेष महत्व दिया गया है। इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश सरकार द्वारा एक नई पहल की गई है जिसमें बच्चों की माताओं को बच्चों की प्रथम गुरु का दर्जा दिया गया है। इस कार्यक्रम में नर्सरी कक्षा के बच्चों की माता को जागरूक करने हेतु संसाधन व्यक्ति के रूप में मोहन सिंह सकलानी और रश्मि गोयल ने अहम भूमिका निभाई। शिविर की अध्यक्षता खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी रमेश चंद्र शर्मा ने की। इस अवसर पर रमेश चंद्र शर्मा ने उपस्थित माता को बच्चों की पहली शिक्षक – मां के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला और माताओं से प्रतिपुष्टि भी प्राप्त की। इस अवसर पर मोहन सिंह सकलानी ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी।
इसके अतिरिक्त व्हाट्सएप माता के समूह बनाने , एंकर मदर बनाने और माताओं की बैठक पाठशाला में हर महीने तीसरे शनिवार को आयोजित करने पर भी विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु पाठशाला परिसर में विभिन्न स्टालों की प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें पंजीकरण, शारीरिक विकास, सामाजिक एवं भावनात्मक विकास , भाषा विकास, पूर्व गणित व काउंसलिंग के कॉर्नर स्थापित किए गए। इस प्रदर्शनी में स्थानीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पनारसा के प्रधानाचार्य नुप राम कौशल विशेष रूप से उपस्थित रहे । कौशल ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विभिन्न कॉर्नर में जाकर बच्चों व माताओं से प्रत्यक्ष रूप से इस कार्यक्रम के बारे में चर्चा की और अपना मार्गदर्शन भी प्रदान किया।
इस अवसर पर माता ने इस कार्यक्रम को बहुत ही ज्ञानवर्धक बताया। उल्लेखनीय है कि खंड औट के 25 प्राथमिक विद्यालयों में पूर्व प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जा रही है। इस अवसर पर चित्र सिंह, डोले राम दुग्गल, रिपन, निर्मला, प्रेमलता, अनीता, ममता, रश्मि गोयल, मोहन सिंह सकलानी सहित नर्सरी के बच्चे और माताएं उपस्थित रहीं।