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बिलासपुर मोटर बोट चालकों में जगी राहत की उम्मीद –
बिलासपुर, खबर आई
मोटर बोट चालकों में जगी राहत की उम्मीद:
“दी गोविंद सागर जल परिवहन समिति जिला बिलासपुर” के मोटर वोट चालकों द्वारा गोविंद सागर झील में दशकों से पुशत दर पुशत मोटर बोट चालकों की संस्था ने प्रदेश उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया है की जिला प्रशासन द्वारा मोटर बोट चालकों को फैरी एक्ट के तहत जारी 165 रूट्स को दरकिनार कर झील में गैर कानूनी तरीके से साहसिक खेल गतिविधियों हेतु बाहरी कंपनी को टेंडर जारी कर दिया था।
जबकि स्थानीय लोगों को टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था। याचिका में मोटर बोट चालकों ने आरोप लगाया है कि बिलासपुर जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों को बाहर करने के लिए 50 लाख टर्नओवर रजिस्टर्ड कंपनी और 3 साल के एक्सपीरियंस को टेंडर में जोड़ा गया जो कि न्याय संगत और तर्कसंगत नहीं है। इस टैंडर को रद्द करवाने के लिए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है।
आज मुख्य न्यायाधीश की डबल बैंच ने सोहन लाल vs हिमाचल सरकार व अन्य (CWPIL 40 of 2024) याचिका को स्वीकार करते हुए इस मामले पर सुनवाई की तथा गंभीरता से मोटर बोट चालकों की समस्याओं को सुना। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने न्यायालय ने स्थानीय मोटर बोट चालकों के अधिकारों को संरक्षित करने को लेकर उठाए गए अनिवार्य कदमों को लेकर सरकार और प्रशासन से लिखित हलफनामा देने के आदेश दिए, मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।