बलीचा बिजली घोटाला – फंसे एक अधिकारी का प्रमोशन, तो जिसने दिलाए विभाग को करोड़ों रुपए उस का छीन लिए पद

बलीचा बिजली घोटाला – फंसे एक अधिकारी का प्रमोशन, तो जिसने दिलाए विभाग को करोड़ों रुपए उस का छीन लिए पद

बलीचा बिजली घोटाला – फंसे एक अधिकारी का प्रमोशन, तो जिसने दिलाए विभाग को करोड़ों रुपए उस का छीन लिए पद –

जगनाथी कंस्ट्रक्शन पर नहीं हुई अभी तक कोई कार्रवाई –

कुल्लू,खबर आई सूत्र

जिला की मणिकर्ण घाटी के वरशौणी में हुए बलीचा कंपनी के बिजली बिल घोटाले में फंसे एक अधिकारी को जहां बिजली बोर्ड प्रबंधन ने पदोन्नति दे दी है। वही इस घोटाले में फंसी जगन्नाथ कंस्ट्रक्शन पर भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि जिस जेई ने बिजली बोर्ड को लगभग पौने दो करोड़ का बिजली बिल व पेनल्टी बिजली बोर्ड को दिलवाया है बोर्ड प्रबंधन ने उसी जेई

को डिमोट कर दिया। हैरत तो इस बात की है कि बिजली बोर्ड प्रबंधन द्वारा इस मामले की जांच दो कमेटियों से करवाई और दोनों ही जांच कमेटियों ने अधिकारियों के साथ ही जगन्नाथ कंस्ट्रक्शन द माल ढालपुर कुल्लू को भी दोष ठहराया है। लेकिन उसके खिलाफ भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। हालांकि बोर्ड प्रबंधन द्वारा इस मामले को लेकर पुलिस में भी एफआईआर दर्ज करवाई
है। लेकिन पुलिस ने भी लगभग 1 साल का लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में बलीचा कंपनी बिजली बिल व फर्जी बिजली कुनेक्शन घोटाला सामने आया था। उस पर कार्यवाही करते हुए बोर्ड प्रबंधन ने धर्मशाला स्थित चीफ इंजीनियर की 5 सदस्य जांच कमेटी के साथ ही उस समय कुल्लू के एसई प्रवेश ठाकुर की अध्यक्षता में भी 5 सदस्य जांच कमेटी का गठन किया गया था।

दोनों ही जांच कमेटी ने उस समय के एसई राजीव सूद, एक्सियन हरेंद्र ठाकुर, एसडीओ शांतिलाल तथा जगन्नाथी कंस्ट्रक्शन कंपनी को इसमें दोषी ठहराते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी। लेकिन इसके बावजूद भी बिजली बोर्ड प्रबंधन ने आज तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।  हैरत तो इस बात की भी है कि बोर्ड प्रबंधन ने जांच कमेटियों द्वारा दोषी
ठहराए गए 4 लोगों में से केवल एक्सियन हरेंद्र ठाकुर तथा एसडीओ शांतिलाल के खिलाफ औपचारिकता के कार्रवाई की गई। जबकि एसई राजीव सूद को लगातार
बोर्ड प्रबंधन द्वारा पदोन्नति दी जाती रही। वहीं जगन्नाथी कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालकों के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। मजेदार पहलू तो यह है कि जिस जेई ने इस मामले को उजागर किया और अपने खर्चे पर तकनीकी कर्मचारियों को मौके पर ले जाकर बिजली मीटर की एमआरआई करवा कर बिजली बोर्ड को लगभग पौने दो करोड़ का मुनाफा करवाया, बोर्ड प्रबंधन ने
उसी जेई को डिमोट करके एसएसए बना दिया।

यह भी जानकारी मिली है कि बोर्ड प्रबंधन इस घोटाले में संलिप्त ठहराए गए राजीव सूद को एक बार फिर बिजली बोर्ड प्रबंधन में पदोन्नति देने की कवायद चली हुई है। जबकि जगन्नाथी कंस्ट्रक्शन के संचालक इस मामले को लेकर लगातार मीडिया व दूसरे माध्यमों से उजागर करने वाले मीडिया कर्मियों को व जांच कमेटी में रहे बिजली बोर्ड से सेवानिवृत हो चुके एक अधिकारी को मानहानि सहित अन्य मामले दर्ज करने की धमकी देते आ रहे हैं। उधर बिजली बोर्ड यूनियन भी इस मामले को लेकर लगातार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व बोर्ड प्रबंधन के उच्च अधिकारियों से कार्रवाई करने की मांग करती आ रही है। यूनियन के यूनियन के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप करवाड़ा का कहना है कि वह इस मामले को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलेंगे और जांच कमेटियों द्वारा दोषी ठहराए गए।

अधिकारियों व जगन्नाथ कंस्ट्रक्शन के खिलाफ कार्यवाही करवाई जाएगी। इसके साथ ही उनका कहना है कि दोनों ही जांच कमेटियों द्वारा निर्दोष करार दिए गए जेई को भी न्याय दिलाया जाएगा। क्योंकि बिजली बोर्ड प्रबंधन द्वारा जेई के खिलाफ की गई कार्रवाई किसी भी तरह से न्याय संगत नहीं है।

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