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कुल्लू प्रेस क्लब के संचालन की जांच करवाने वाले दो पत्रकारों पर मामला दर्ज, पत्रकारों ने कहा तीनों महिलाओं के खिलाफ मानहानि का केस किया जाएगा दर्ज –
कुल्लू, खबर आई
जिला कुल्लू के दो वरिष्ठ पत्रकारों पर कुछ महिलाओं द्वारा पुलिस में मामला दर्ज होने की घटना ने गंभीर रूप ले लिया है। यह मामला प्रेस क्लब की जांच से अब झूठे आरोपों तक पहुंच चुका है। जिन पत्रकारों पर आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि 10 सालों से प्रेस क्लब ऑफ कल्लू की कुर्सी पर मनमाने तरीके से जमे प्रधान की कुर्सी जिला प्रशासन द्वारा छीन लिए जाने से बौखलाए पूर्व प्रधान ने प्रेस क्लब का शटर बंद करने के आरोप में तीन महिलाओं के साथ मिल कर पुलिस में झूठी शिकायत दर्ज करवा दी। जबकि प्रेस क्लब को पत्रकार ही रोजाना बंद करते व खोलते आ रहे है। लेकिन प्रेस क्लब की जांच रिपोर्ट क्लब के खिलाफ आने के बाद प्रशासन द्वारा प्रेस क्लब में प्रशासक की अधिसूचना मिलते ही जांच करवाने वाले 2 वरिष्ठ पत्रकारों पर पुलिस में झूठा मामला दर्ज करवा दिया।
वरिष्ठ पत्रकारों ने बताया कि है कि प्रेस क्लब की उपरी मंजिल में बैठने वाले लोगों के लिए कैंटीन की तरफ से आने जाने के लिए अलग से रास्ता बनाया गया है। जो दिन रात खुला रहता है। लेकिन हमारे खिलाफ झूठा शटर बंद कर परेशान करने का मामला दर्ज करवाने के साथ-साथ पुलिस को भी गुमराह किया गया। नीचे हाल में कोई भी नहीं होने कारण हम ने शटल को नीचे कर दिया था ताकि कोई बाहरी व्यक्ति अंदर पड़े सामना के साथ कोई छेड़खानी न कर सके। जबकि मुख्य दरवाजे का शटर थोड़ा खुला था और न ही हम ने शटर में ताला लगाया। जबकि प्रेस क्लब के शटर में ताला ही नहीं लगता आया है। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ पूजा ठाकुर, श्वेता तथा पूजा कश्यप नाम की महिलाओं ने पता नहीं किस रंजिश के चलते पुलिस में झूठी शिकायत दर्ज करवाई गई।
सूत्रों के हवाले ज्ञात हुआ है कि यह तीनों महिलाएं किसी भी मान्यता प्राप्त मीडिया संस्थान से संबंध नहीं रखती हैं। यह भी संदेह जताया जा रहा है कि वह किस मीडिया प्लेटफॉर्म पर कार्य करती है। लेकिन उनको आगे करके दो वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करवा तथाकथित प्रधान सहित शिकायतकर्ताओं की पोल पूरी तरह से खुल गई है। क्योंकि पिछले दिन दोनों वरिष्ठ पत्रकारों को थाने तलब करने पर जिला मुख्यालय में कार्यरत बड़ी संख्या में पत्रकारों ने पुलिस को साफ तौर पर बताया कि यह मामला पूरी तरह से झूठ और पुलिस को गुमराह करने वाला है। बड़ी संख्या में पत्रकारों ने पुलिस को बताया कि उपरी मंजिल में बैठने वाले लोगों की आवाजाही के लिए कैंटीन की तरफ से अलग से लोहे की सीढ़ी बनाई गई है, जहां से उनकी आवाजाही दिन रात रहती है और उस रास्ते को कोई पत्रकार बंद नहीं करता है। ऐसे में यह मामला पूरी तरह से झूठा और गुमराह करने वाला है। पुलिस ने भी इस मामले पर अपने तेवर कड़े कर लिए हैं।
इसके साथ ही जिन पत्रकारों के खिलाफ महिलाओं ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया है। अब दोनों पत्रकारों ने तीनों महिलाओं के खिलाफ उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने तथा झूठा मामला दर्ज करवाने पर पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने के साथ ही मामले को अदालत ले जाने का निर्णय लिया है। इसमें अधिकतर पत्रकारों की भी सहमति है। ताकि भविष्य में इस तरह के झूठे मामले दर्ज न हो और, झूठे मामला दर्ज करवाने वालों को सबक मिल सके।