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चौहारघाटी के राजवन में बादल फटने से 7 लापता 3 की मौत 2 घायल
ललित ठाकुर, खबर आई पधर
उमण्डल पधर के चौहारघाटी की में बुधवार देर रात को हुई मूसलाधार बारिश ने जानलेवा कहर बरपाया। धमच्याण पंचायत के राजबन गांव में देर रात को बादल फटने से तीन रिहायशी मकान मलबे में समा गए। घटना में तीन परिवारों के दस लोगों की दुःखद मौत हो गई। जबकि दो लोग जख्मी हो गए। जिन्हें उपचार के लिए सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर में भर्ती किया है। उसके बाद टांडा रैफर कर दिया है। घटना बुधवार देर रात करीब साढ़े बारह बजे हुई। जब परिवार के सभी सदस्य गहरी नींद में सोए हुए थे।
घटना का पता चलते ही जिला उपायुक्त अपूर्व देवगन और कार्यकारी उपमंडलाधिकारी पधर भावना वर्मा मोके पर पहुंचे। जिला उपायुक्त की मौजूदगी में मलबे में दबे लोगों की तलाश को लेकर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। स्थानीय ग्रामीणों के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग और जिला रेस्क्यू दल दिन भर सर्च ऑपरेशन में जुटा रहा। लेकिन देर शाम तक मात्र 3 शव ही बरामद हो पाए हैं।
घटना में तीन परिवारों के दस लोग अकाल मौत का ग्रास बन गए।
जिनमें सौजू राम (80) पुत्र वजीरू राम, चिंडी देवी(75) पत्नी सौजू राम, सोनम(23) पत्नी राम सिंह, मानवी (3 माह) पुत्री राम सिंह अमन(9) पुत्र ज्ञान चंद आर्यन(8) पुत्र खेम सिंह, चैत्री देवी(90) पत्नी गोरखू राम, खुड़ी देवी( 46) पत्नी चंदन लाल, अनामिका(11) पुत्री शेष राम, हरदेव(30) पुत्र चमारू राम मलबे में लापता हैं। जिनमें सौजू राम, उनकी धर्मपत्नी चिंडी देवी और चैत्री देवी के शव अभी तक बरामद हो पाए हैं। जबकि अन्य शवों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।
हादसे में इकलौता राम सिंह सुरक्षित बच पाया। जो दलदल से निकलते बाहर जख्मी हो गया। जिसे उपचार के लिए सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर में भर्ती किया गया है। जबकि राम सिंह के माता, पिता, पत्नी और तीन माह की दूधमुंही बच्ची की मौत हो गई।
बहरहाल इस दुःखद घटना से समूची चौहारघाटी में मातम छाया हुआ है। सगे सबंधी रिश्तेदार राजबन गांव पहुंच रहे हैं। जबकि आस पास के अलावा अन्य क्षेत्रों के सैकड़ों लोग राहत कार्य मे हाथ बंटा रहे हैं।
प्रशासन की ओर से सभी विभागों के आलाधिकारी भी घटनास्थल पर मोर्चा संभाले हुए हैं। मृतकों के पोस्टमार्टम को लेकर मेडिकल की विशेष टीम मोर्चे पर जुटी हुई है।
भारी बारिश से जानमाल के नुकसान के साथ साथ चार कारें भी बाढ़ में बह गई हैं। जिनमें एक कार राजबन और तीन कारें थलटूखोड़ में नाले का एकाएक जलस्तर बढ़ने से पानी के बहाव में बह गई। वहीं राजबन में एक गाय और तीन भेड़ बकरियां भी मलबे में दब गई हैं।
डीसी मंडी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करने के दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राहत मैन्युअल अनुसार मृतकों और पीड़ित परिवारों को रिलीफ फंड जारी किया जाएगा।
वहीं खतरे की जद में आए अन्य परिवारों को ठहरने की व्यवस्था उपमंडल प्रशासन ने मिड्ल स्कूल ग्रामण में की है।
एसडीएम भावना वर्मा ने कहा कि आस पास के मकानों के लिए अभी खतरा बरकरार है। ऐसे में एहतियातन मकान खाली करवा उन्हें शिफ्ट करने को कहा है।
विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने स्वयं घटनास्थल पर पहुंच कर पीड़ित परिवारों के साथ दुख दर्द सांझा करते हुए शोक जताया और मृतकों के आश्रितों को पांच पांच हजार रुपये की राहत राशि अपनी ओर से दी।
वही इस घटना से थलटूखोड में दो घराट बह गए है जबकि कई पुलों को नुलसान पहुँचा है।
वही धमचयान पंचायत में सैंकड़ों बीघा भूमि में बिजी गयी नगदी फसल बर्बाद हुई है जबकि पँजोंड गांव से उपमंडल पधर को आई पानी की स्कीम भी प्रभावित हुई है।
वही थलटूखोड के लोगों को को भी रात को स्कूल में शरण लेनी पड़ी। मूसलाधार बारिश से चौहारघाटी की लटराण और तरसवाण पंचायत में भी करोड़ों रुपये के नुकसान की सूचना है।