चौहार घाटी के ग्रामन जोत में अज्ञात बिमारी से मरी 65 बकरियां –
वायलर फीवर के फैलने से हो रही है मौत
मंडी, खबर आई पद्धर
उपमंडल पद्धर के दुर्गम क्षेत्र की ग्राम पंचायत धमच्यान में इन दिनों पशुओं में अज्ञात बीमारी फैलने से पशु अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं। क्षेत्र के ग्रामन गांवों में बकरियों में किसी अज्ञात बीमारी से पशु काल का ग्रास बन रहे हैं। इससे पशु पालकों पर रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।
ग्राम पंचायत धमच्यान के उपप्रधान नरेश कुमार ने बताया कि ग्रामन गांव के गुडडू राम सुपुत्र स्वर्गीय गोरखु राम की पिछले 10 दिनों में एक एक करके लगभग 65 बकरियों की मौत हो चुकी है।उन्होंने बताया कि गुडडू राम के पास कुल मिलाकर अन्य लोगों की 300 बकरियां लेकर ग्रामन जोत में चराने के लिये गया हुआ है लेकिन पिछले 10 दिनों की अंदर आज दिन तक उसकी 65 बकरियां किसी अज्ञात बिमारी से मर चुकी है।
चौहारघाटी क्षेत्र में पशु पालकों में बीमारी को लेकर डर है। उपप्रधान नरेश कुमार ने बताया कि जब ये बीमारी फैलने लगी थी तो उन्होंने गुडडू राम सहित पालमपुर में सबसे बड़े वेटनरी अस्पताल में इसका सेंपल लेकर बकरियों का पोस्टमार्टम भी करवाया था तो पता चला कि वायलर फीवर के कारण के कारण इनकी मौत हो रही है और उन्होंने इसके रोकथाम के लिय दवाइया व इंजेक्शन भी दिए।
उन्होंने बताया की इस संबंध मे पद्धर के वेटनरी अस्पताल में भी अवगत करवाया गया जिस पर पद्धर वैटनरी के वरिष्ठ अधिकारी दीपक वर्मा ने थलटूखोड के पशु चिकित्सक डॉ निशा व फार्मासिस्ट लायक राम को तुरंत पालमपुर से पद्धर, पाली से भेजी गई दवाइयों व इंजेक्शन को अन्य बकरियां को लगाने को कहा गया। डॉ दीपक वर्मा ने बताया कि ये वायलर फीवर की बजह से ऐसा हो रहा है और अब इसमें सुधार हुआ है। कहा की इसके लक्षण पशुओं में कंपन्न होना चारा पानी न खाना, पेट छुटना, मुंह में पानी आना आदि लक्षणों से पशु पीड़ित होते हैं और एकाएक काल का ग्रास बन जाते हैं। उधर ग्रामीणो ने मांग की है कि जल्द ही क्षेत्र में बड़ी कोई चिकित्सा टीम भेज कर इस महामारी को रोकें, नहीं तो पशु पालकों में रोजीरोटी का संकट पैदा जो जाएगा।